अतुल सुभाष-निकिता ने अगर 2021 में थोड़ा सा विश्वास कायम कर लिया होता तो दोनों परिवारों को यह दिन न देखना पड़ता।
अतुल सुभाष के सुसाइड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि इस विवाद को खत्म करने का 2021 में ठोस प्रयास हुआ था।
चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज ज्योति ने बताया कि साल 2021 में अतुल सुभाष की पत्नी निकिता के परिजन और संबंधी उनसे पूरा मामला बताते हुए मामले को निपटाने में मदद करने की अपील की थी।
सीए पंकज ने बताया कि उनकी मध्यस्थता के बाद दोनों पक्ष मामला निपटाने पर राजी हो गया था।
मध्यस्थ ने बताया कि अतुल सुभाष पक्ष की ओर से निकिता को 22 लाख रुपये दिया जाएगा और निकिता व उनके परिजन केस उठा लेंगे।
22 लाख रुपये पर केस उठाने की बात भी तय हो गई लेकिन दोनों पक्ष एक दूसरे पर विश्वास नहीं कर सके।
बेंगलुरू में रहने वाले यूपी के जौनपुर के इंजीनियर अतुल सुभाष ने पत्नी निकिता पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर सुसाइड कर लिया था।
मौत को गले लगाने के पहले अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। साथ ही उन्होंने "जस्टिस इज ड्यू" लिखकर एक कागज़ अपनी टी-शर्ट पर चिपकाया था।
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में पत्नी द्वारा दिए गए मानसिक उत्पीड़न, अपने बेटे के प्रति प्यार और घरेलू हिंसा कानून से पुरुषों और उनके परिवार को होने वाली परेशानियों का ज़िक्र किया था।