आज भारतीय नौसेना दिवस है। इस मौके पर आइए परमाणु ऊर्जा से चलने वाले बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन आईएनएस अरिघात के बारे में जानते हैं। इससे चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन डरते हैं।
आईएनएस अरिहंत के बाद आईएनएस अरिघात परमाणु ऊर्जा से चलने वाली भारत की दूसरी पनडुब्बी है। यह अपने साथ परमाणु हमला करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ले जाती है।
परमाणु ऊर्जा से चलने के चलते अरिघात का रेंज असीमित है। इसे बेहद लंबे समय तक पानी के अंदर छिपाकर रखा जा सकता है। इसने भारत की परमाणु त्रिकोण को और मजबूत किया है।
आईएनएस अरिघात आईएनएस अरिहंत की तुलना में तकनीकी रूप से अधिक एडवांस है। 6 हजार टन की यह पनडुब्बी अपने साथ परमाणु हमला करने वाली K-15 और K-4 बैलिस्टिक मिसाइल ले जाती है।
K-15 का रेंज 750 किलोमीटर और K-4 का रेंज 3500 किलोमीटर है। पनडुब्बी से दागे जाने के चलते दुनिया का कोई हिस्सा इसकी पहुंच से दूर नहीं है।
पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी के पानी के अंदर छिपे रहने की एक सीमा होती है। बैटरी खत्म होने पर पनडुब्बी को सतह के पास आना पड़ता है ताकि डीजल इंजन चलाया जा सके।
इस कमी के चलते डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को अधिक समय तक किसी खास इलाके में छिपाकर रखना मुश्किल है। दूसरी ओर परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी महीनों तक पानी के नीचे रह सकती है।