केंद्र सरकार 18-22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स अमेंडमेंट बिल 2023 पेश करेगी। इसे 3 अगस्त को राज्यसभा से पास किया गया था।
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स अमेंडमेंट बिल 2023 पास होने पर प्रेस और पीरिऑडिकल्स पंजीकरण एक्ट 1867 खत्म हो जाएगा।
इस एक्ट में समाचार पत्रों, पीरिऑडिकल्स और पुस्तकों के पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। पीरिऑडिकल्स में किताबें, वैज्ञानिक और अकादमिक पत्रिकाएं शामिल नहीं हैं।
पीरिऑडिकल्स में सभी प्रोडक्ट शामिल हैं जिन्हें एक तय वक्त पर प्रकाशित किया जाता है। जैसे- पत्रिकाएं और समाचार पत्र।
एक्ट में प्रावधान है कि प्रिंटर या पब्लिशर को डीएम को एक डेक्लेरेशन देना होगा। डीएम इसे प्रेस रजिस्ट्रार को भेजेंगे। इसके बाद प्रेस रजिस्ट्रार पंजीकरण का प्रमाणपत्र जारी करेगा।
समाचार पत्र के पब्लिकेशन के लिए डीएम का डेक्लेरेशन और प्रमाणीकरण जरूरी है। पीरिऑडिकल्स के पब्लिशर्स प्रेस रजिस्ट्रार जनरल को ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण प्रमाणपत्र पा सकते हैं।
जिस व्यक्ति को किसी आतंकवादी कृत्य या गैरकानूनी गतिविधि के लिए दोषी ठहराया गया हो या जिसने राज्य की सुरक्षा के खिलाफ काम किया हो उसे पीरिऑडिकल छापने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विदेशी पीरिऑडिकल के रीप्रोडक्शन को भारत में सिर्फ तभी प्रिंट किया जा सकता है जब केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी ली जाए। इन पीरिऑडिकल्स के पंजीकरण के तरीके को निर्दिष्ट किया जाएगा।