आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उनकी बताई नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपनी नीति में बताया है कि राजा, ब्राह्मण और स्त्री की सबसे बड़ी ताकत क्या है।
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्
अर्थ- राजा की ताकत है बाहुबल, ब्राह्मण की शक्ति है ज्ञान, स्त्री की ताकत है सौंदर्य और मीठी वाणी।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, स्त्री का सौंदर्य और मीठी वाणी ही उसकी ताकत है। इसी ताकत के सहारे स्त्री किसी को भी अपने वश में कर सकती है और अपना हर काम निकाल सकती है।
ब्राह्मण की सबसे बड़ी शक्ति है उसका ज्ञान। ब्राह्मण के पास जितना ज्ञान होगा वह उतना ही सम्मानित होगा। अपने ज्ञान के बल पर ही ब्राह्मण हर परेशानी का सामना कर सकता है।
यहां बाहुबल से अर्थ है राजा का धन और सेना। वर्तमान समय में राजा का अर्थ है बड़ा मंत्री या अधिकारी। जिसके पास सत्ता होती है, वह उसके बल पर अपनी हर इच्छा पूरी कर सकता है।