आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में लाइफ मैनेजमेंट के कईं सूत्र बताए हैं। ये सूत्र आज के समय भी काम के हैं। चाणक्य नीति से जानिए किन लोगों से न अधिक दूर न अधिक पास रहना चाहिए…
अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदा:।
सेवितव्यं मध्यभागेन राजा वह्निर्गुरु: स्त्रिय:।।
राजा, अग्नि, गुरु और स्त्री से न तो अधिक देर दूर रहना चाहिए और न अधिक देर पास। ऐसा करने से हानि संभव है। इसलिए इन चारों के साथ रहते हुए बीच का मार्ग अपनाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, पत्नी से अधिक समय दूर नहीं रहना चाहिए, इससे उसका आचरण बिगड़ सकता है। अधिक समय पास रहने से पति की सेहत पर बुरा असर हो सकता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, राजा यानी कोई बड़ा मंत्री या राजनेता से न तो ज्यादा नजदीकी बढ़ानी चाहिए और न ही इनके विपरीत जाना चाहिए। ये दोनों स्थिति नुकसानदायक होती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, यदि आप अग्नि के ज्यादा नजदीक जाएंगे तो इससे जलने की संभावना रहेगी और दूर जाएंगे तो उसके ताप का सुख नहीं मिलेगा। यहां भी बीच की स्थिति अपनाएं।
गुरु से ज्ञान प्राप्त करते समय भी संयमित रहना चाहिए। गुरु के साथ ज्यादा देर रहने से आप स्वयं को अधिक बुद्धिमान समझ सकते हैं और अधिक दूर रहने से आपको ज्ञान की प्राप्ति नहीं होगी।