क्या है बाबा केदारनाथ के भीष्म श्रृंगार का रहस्य, ये कैसे होता है?
Spiritual May 02 2025
Author: Manish Meharele Image Credits:social media
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केदारनाथ धाम के कपाट खुले
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई, शुक्रवार को खुल चुके हैं। सबसे पहले बाबा केदारनाथ का भीष्म श्रृंगार हटाया गया। आगे जानिए क्या होता है भीष्म श्रृंगार और क्या महत्व है…
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शिवलिंग पर करते हैं घी का लेपन
केदारनाथ धाम के कपाट बंद करते समय शिवलिंग का एक विशेष श्रृंगार होता है, जिसे भीष्म श्रृंगार कहते हैं। इस श्रृंगार में शिवलिंग पर 6 लीटर शुद्ध घी का लेपन किया जाता है।
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इसलिए लगाते हैं घी
शिवलिंग पर घी का लेपन करने से शीत ऋतु का इस पर कोई प्रभाव नहीं होता और ये इसके प्राकृतिक रूप में रहता है। इसके बाद इसके ऊपर सफेद कॉटन का कपड़ा लपेटा जाता है।
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चढ़ाते हैं मौसमी फल और ड्राई फ्रूट
साथ ही बाबा केदारनाथ के पास मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं। साथ ही बाबा केदारनाथ पर 1 से 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं भी पहनाई जाती हैं।
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5 घंटे में होता है भीष्म श्रृंगार
इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हं। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 5 घंटे का समय लगता है। भीष्म श्रृंगार कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के पुजारी करते हैं।
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सबसे पहले करते हैं गंगाजल से अभिषेक
इसके बाद जब केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं तो सबसे पहले भीष्म श्रृंगार को हटाया जाता है। इसके बाद शिवलिंग का विशेष मंत्रों के साथ गंगा जल से अभिषेक किया जाता है।
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किया जाता है नया श्रृंगार
अभिषेक के बाद गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान किया जाता है और बाबा केदारनाथ को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर विशेष श्रृंगार किया जाता है।