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Chhath Puja में सिर से नाक तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं?

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19 को देंगे डूबते सूर्य को अर्घ्य

इस बार छठ पर्व 17 नवंबर, शुक्रवार से शुरू हो चुका है। 19 नवंबर, रविवार को डूबते हुए सूर्य को और 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर ये व्रत पूर्ण किया जाएगा।

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छठ की परंपराएं हैं खास

छठ पूजा से जुड़ी कईं मान्यताएं और परंपराएं इसे और भी खास बनाती हैं। इसी परंपरा का हिस्सा है सिंदूर लगाना। इस व्रत के दौरान व्रती महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।

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परंपरा के पीछे है खास मान्यता

छठ पूजा के दौरान महिलाएं एक-दूसरे को जो सिंदूर लगाती हैं वह काफी अलग होता है। ये सिंदूर सिर से लेकर नाक तक लगाया जाता है। इस परंपरा के पीछे कईं मान्यताएं हैं।

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ये है सिंदूर से जुड़ी मान्यता

मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान जिस महिला का सिंदूर सिर से लेकर नाक तक रहता है यानी जितना लंबा रहता है, उसके परिवार में उतनी ही सुख-समृद्धि और खुशहाली रहती है।

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स्त्री का श्रृंगार है सिंदूर

हिंदू धर्म में सिंदूर को स्त्री का श्रृंगार कहा गया है। ये सौभाग्य की निशानी है। मान्यता है कि छठ पूजा पर सिर से नाक तक लगाया गया सिंदूर पति की उम्र में वृद्धि करता है।

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