इजराइल और हमास युद्ध जारी है। इस बीच यहूदियों का इतिहास भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कुछ लोगों को दावा है कि यहूदी भगवान श्रीकृष्ण के वंशज यानी यदुवंशी हैं।
इतिहासकारों के अनुसार, यहूदियों के पैगंबर मूसा और भगवान श्रीकृष्ण के बीच कईं ऐसी समानताएं हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। जानिए इन समानताओं के बारे में…
श्रीकृष्ण के जन्म से पहले कंस की मृत्यु की आकाशवाणी हुई थी। उसी तरह मिस्त्र के राजा फराओ के लिए भी भविष्यवाणी हुई थी कि तेरे राज्य में जन्में बच्चे द्वारा तेरी मृत्यु होगी।
जिस तरह कंस ने अपने राज्य के छोटे बच्चों को पूतना के हाथों मरवाया था, उसी तरह मिस्त्र के राजा फराओ ने भी 1 साल से कम उम्र के बच्चों को मारने का आदेश सैनिकों को दिया था।
जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण को उनके पिता वसुदेव टोकरी में रख यमुना पार नंदबाबा के घर छोड़ आए थे, उसी तरह मूसा की माता ने भी उन्हें टोकरी में रख नदी में छोड़ दिया था।
जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण को उनकी दूसरी मां यशोदा ने पाला था, उसी तरह पैगंबर मूसा का पालन-पोषण भी उनकी जन्म देने वाली मां ने नहीं बल्कि किसी अन्य महिला ने किया था।
श्रीकृष्ण के भाई बलराम की तरह ही पैगंबर मूसा के भी हारून नाम के एक बड़े भाई थे। जैसे छोटे होकर भी श्रीकृष्ण की मान्यता ज्यादा है, उसी तरह हारुन से ज्यादा प्रसिद्धि मूसा को मिली।
जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण के मुख से गीता निकली, उसी तरह पैगंबर मूसा ने यहूदी धर्म के 10 सिद्धांत दिए। यहूदी आज भी पैगंबर मूसा के उन 10 सिद्धांतों को मानते हैं।
जिस तरह अंतिम समय में यदुवंशी आपस में ही लड़ मरे, उसी तरह यहूदियों ने भी मूसा के आदेश को मानने से इंकार कर दिया और उनके कबीले में बिखराव हो गया।