कभी हत्या न करों, जो हिंसा करेगा सजा पाएगा। कभी गुस्सा न करो, जो गुस्सा करेगा सजा पाएगा।
कभी व्याभिचार न करना। यदि कोई किसी महिला पर कुदृष्टि डाले तो यह व्याभिचार है।
कभी शपथ मत खाओ। क्योंकि तू एक बाल को भी काला या सफेद नहीं कर सकता।
जो तुम्हारे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे उसकी ओर दूसरा गाल भी कर दो। हिंसा न करो।
कभी किसी पर दोष न लगाओ। तुम किसी पर दोष लगाओगे तो तुम पर भी दोष लगाया जाएगा।
गरीबों की सेवा करों। किसी से मुफ्त मत लो। अपने प्राण बचाने की जगह दूसरों के प्राण बचाओं।
सबसे श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढंक देता है।