रानी त्रिशला ने सबसे पहले सपने में एक सफेद हाथी देखा। राजा सिद्धार्थ ने इसका अर्थ बताया कि उन्हें एक अद्भुत और महान पुत्र प्राप्त होगा।
रानी ने सपने में सफेद बैल देखा। राजा ने बताया कि उनका वह पुत्र संसार का कल्याण करने वाला होगा।
रानी ने सिंह देखा। राजा ने बताया वह पुत्र सिंह यानी शेर के समान बलशाली होगा।
रानी ने देवी लक्ष्मी का अभिषेक करते हुए दो हाथी देखे। राजा ने बताया देवलोक से देवगण आकर उस पुत्र का अभिषेक करेंगे।
रानी ने दो सुगंधित पुष्पमालाएं देखीं। राजा ने बताया वह पुत्र धर्म तीर्थ स्थापित करेगा और जन-जन द्वारा पूजित होगा।
रानी ने पूर्ण चन्द्रमा देखा। राजा ने बताया उस पुत्र के जन्म होने पर तीनों लोक आनंदित होंगे।
रानी ने उदय होता सूर्य देखा। राजा ने बताया वह पुत्र सूर्य के समान तेजयुक्त और पापी प्राणियों का उद्धार करने वाला होगा।
रानी ने कमल के पत्ते से ढंके हुए 2 स्वर्ण कलश देखे। राजा ने बताया वह पुत्र अनेक निधियों (गुणों) का स्वामी होगा।
रानी ने कमल सरोवर में क्रीड़ा करती दो मछलियां देखी। राजा ने बताया वह पुत्र महाआनंद देने वाला और दुख दूर करने वाला होगा।
रानी ने कमलों से भरा जलाशय देखा। राजा ने बताया वह पुत्र एक हजार आठ शुभ लक्षणों से युक्त होगा।
रानी ने लहरें उछालता समुद्र देखा। राजा ने बताया वह पुत्र भूत-भविष्य-वर्तमान का ज्ञान रखने वाला होगा।
रानी ने रत्नों से जड़ा स्वर्ण सिंहासन देखा। राजा ने बताया वह पुत्र राज्य का स्वामी और प्रजा का हित चाहने वाला होगा।
रानी ने स्वर्ग का विमान देखा। राजा ने बताया कि वह इस जन्म से पूर्व वह पुत्र स्वर्ग में देवता होगा।
रानी ने पृथ्वी से निकलता नागों के राजा नागेन्द्र का विमान देखा। राजा ने बताया कि कि वह पुत्र जन्म से ही त्रिकालदर्शी होगा।
रानी ने रत्नों का ढेर देखा। राजा ने बताया कि वह पुत्र अनंत गुणों से संपन्न होगा।
अपने अंतिम सुपने में रानी ने धुआंरहित अग्नि देखी। राजा ने बताया कि वह पुत्र कर्मों का अंत करके मोक्ष (निर्वाण) प्राप्त करेगा।