Hindi

पहला स्वप्न

रानी त्रिशला ने सबसे पहले सपने में एक सफेद हाथी देखा। राजा सिद्धार्थ ने इसका अर्थ बताया कि उन्हें एक अद्भुत और महान पुत्र प्राप्त होगा।

Hindi

दूसरा स्वप्न

रानी ने सपने में सफेद बैल देखा। राजा ने बताया कि उनका वह पुत्र संसार का कल्याण करने वाला होगा।

Image credits: Getty
Hindi

तीसरा स्वप्न

रानी ने सिंह देखा। राजा ने बताया वह पुत्र सिंह यानी शेर के समान बलशाली होगा।

Image credits: Getty
Hindi

चौथा स्वप्न

रानी ने देवी लक्ष्मी का अभिषेक करते हुए दो हाथी देखे। राजा ने बताया देवलोक से देवगण आकर उस पुत्र का अभिषेक करेंगे।

Image credits: Getty
Hindi

पांचवां स्वप्न

रानी ने दो सुगंधित पुष्पमालाएं देखीं। राजा ने बताया वह पुत्र धर्म तीर्थ स्थापित करेगा और जन-जन द्वारा पूजित होगा।

Image credits: Getty
Hindi

छठा स्वप्न

रानी ने पूर्ण चन्द्रमा देखा। राजा ने बताया उस पुत्र के जन्म होने पर तीनों लोक आनंदित होंगे।

Image credits: Getty
Hindi

सातवां स्वप्न

रानी ने उदय होता सूर्य देखा। राजा ने बताया वह पुत्र सूर्य के समान तेजयुक्त और पापी प्राणियों का उद्धार करने वाला होगा।

Image credits: Getty
Hindi

आठवां स्वप्न

रानी ने कमल के पत्ते से ढंके हुए 2 स्वर्ण कलश देखे। राजा ने बताया वह पुत्र अनेक निधियों (गुणों) का स्वामी होगा।

Image credits: google
Hindi

नौवां स्वप्न

रानी ने कमल सरोवर में क्रीड़ा करती दो मछलियां देखी। राजा ने बताया वह पुत्र महाआनंद देने वाला और दुख दूर करने वाला होगा।

Image credits: Getty
Hindi

दसवां स्वप्न

रानी ने कमलों से भरा जलाशय देखा। राजा ने बताया वह पुत्र एक हजार आठ शुभ लक्षणों से युक्त होगा।

Image credits: Getty
Hindi

ग्यारहवां स्वप्न

रानी ने लहरें उछालता समुद्र देखा। राजा ने बताया वह पुत्र भूत-भविष्य-वर्तमान का ज्ञान रखने वाला होगा।

Image credits: Getty
Hindi

बारहवां स्वप्न

रानी ने रत्नों से जड़ा स्वर्ण सिंहासन देखा। राजा ने बताया वह पुत्र राज्य का स्वामी और प्रजा का हित चाहने वाला होगा।

Image credits: google
Hindi

तेरहवां स्वप्न

रानी ने स्वर्ग का विमान देखा। राजा ने बताया कि वह इस जन्म से पूर्व वह पुत्र स्वर्ग में देवता होगा।

Image credits: google
Hindi

चौदहवां स्वप्न

रानी ने पृथ्वी से निकलता नागों के राजा नागेन्द्र का विमान देखा। राजा ने बताया कि कि वह पुत्र जन्म से ही त्रिकालदर्शी होगा।

Image credits: google
Hindi

पन्द्रहवां स्वप्न

रानी ने रत्नों का ढेर देखा। राजा ने बताया कि वह पुत्र अनंत गुणों से संपन्न होगा।

Image credits: Getty
Hindi

सोलहवां स्वप्न

अपने अंतिम सुपने में रानी ने धुआंरहित अग्नि देखी। राजा ने बताया कि वह पुत्र कर्मों का अंत करके मोक्ष (निर्वाण) प्राप्त करेगा।

Image credits: Getty

Good Friday 2023: कब है गुड फ्राइडे और ईस्टर, जानें सही डेट?

Disha Shul: किस दिन कौन-सी दिशा में यात्रा करने से बचें?

1 अप्रैल को कामदा एकादशी पर करें ये उपाय, मिलेंगे शुभ फल

Ram Navmi Upay: राम नवमी पर करें 7 आसान उपाय, दूर होगी आपकी परेशानियां