इजराइल पर फिलिस्तीन के हमले के बाद यहूदी धर्म एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। अधिकांश लोग यहूदी धर्म के बारे में नहीं जानते। आगे जानिए यहूदी धर्म से जुड़ी खास बातें…
यहूदी धर्म को दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है। ये धर्म लगभग 4000 साल पुराना बताया जाता है। यहूदी धर्म में मूर्ति पूजा नहीं होती। ये इजराइल का राजधर्म है।
यहूदी धर्म का प्रतीक एक सितारा है। इस सितारे के 6 कोण होते हैं। ये 6 कोण सभी दिशाओं में बाहर की ओर इशारा करते हैं, जो पूरी दुनिया में भगवान की सरकार का संकेत देते हैं।
यहूदी लोग अब्राहम को अपना पहला पैगंबर मानते हैं, जिनका जन्म ईसा से 2000 वर्ष पूर्व माना जाता है। पैगंबर अब्राहम के पोते का नाम हजरत याकूब था। याकूब का ही दूसरा नाम इजरायल था।
कहते हैं कि पैगंबर याकूब के एक बेटे का नाम यहूदा था। यहूदा के नाम पर ही उसके वंशज यहूदी कहलाए और उनका धर्म यहूदी धर्म कहलाया। ये दुनिया का पहला एकेश्वरवादी धर्म है।
आदम से लेकर अब्राहम और मूसा तक यहूदी, ईसाई और इस्लाम सभी के पैगंबर एक ही हैं। लेकिन मूसा के बाद यहूदियों को अपने अगले पैगंबर के आने का अब भी इंतजार है।
यहूदी अपने भगवान को यहवेह या यहोवा कहते हैं। उनका मानना है कि सबसे पहले ये नाम ईश्वर ने हजरत मूसा को सुनाया था। ये शब्द बाइबिल के पुराने नियम में भी कई बार आता है।
यहूदियों के धर्मग्रंथ का नाम 'तनख' है, जो इब्रानी भाषा में लिखा गया है। इसे 'तालमुद' या 'तोरा' भी कहते हैं। इस धर्मग्रंथ की रचना ई.पू. 444 से लेकर ई.पू. 100 के बीच मानी जाती है।