ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दीपावली पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि एक नहीं बल्कि 2 दिन रहेगी, जिसके चलते ज्योतिषियों में मतभेद की स्थिति बन रही है।
पुरी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस बार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर की दोपहर 03:53 से शुरू होगी, जो अगले दिन 01 नवंबर को शाम 06:16 तक रहेगी।
ज्योतिषाचार्य मिश्र के अनुसार, दीपावली में देवी लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में होती है। ये स्थिति 31 अक्टूबर, गुरुवार को बन रही है। 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि पूरी रात रहेगी।
ज्योतिषाचार्य मिश्र के अनुसार, 31 अक्टूबर की शाम को अमावस्या तिथि का संयोग होने से इसी दिन दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। 1 नवंबर, शुक्रवार को स्नान-दान की अमावस्या रहेगी।
31 अक्टूबर, गुरुवार को वृष लग्न शाम 06:27 से रात 08:23 तक है। जो दीपावली पूजन के लिए उत्तम समय है। इसके बाद सिंह लग्न में रात 12:56 से 01:39 तक का समय भी शुभ रहेगा।
ज्योतिषाचार्य मिश्र के अनुसार, 31 अक्टूबर, गुरुवार को दोपहर 03:12 से 3:22 तक का समय गणेश, कुबेरादि देवताओं के पूजन के लिए श्रेष्ठ रहेगा, इससे आपको शुभ फल मिलेंगे।