महाभारत युद्ध में जब अर्जुन अपने सगे-संबंधियों को सामने देखकर हथियार रख चुके थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश देकर उन्हें कर्म करने के लिए प्रेरित किया था।
जिस दिन श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था, उस दिन अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। हर साल इस तिथि पर गीता जयंती का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
इस बार अगहन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर, शुक्रवार को है। गीता मोक्ष प्रदान करती है, इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में अनेक ग्रंथ हैं, तो फिर सिर्फ गीता जयंती ही क्यों मनाते हैं। इसका कारण है कि ये एक मात्र ऐसा ग्रंथ हैं, जिसे स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मुख से कहा है।
देश-दुनिया के कईं बड़े इंस्टीट्यूट में गीता पढ़ाई भी जाती है क्योंकि इसमें लाइफ मैनेजमेंट के अनेक टिप्स बताए गए हैं, जो हर तरह की परेशानी दूर करने के लिए सही रास्ता दिखाते हैं।
हिंदू धर्म में अनेक ग्रंथ हैं, इन सभी में गीता को ही श्रेष्ठ माना जाता है, इसका कारण है कि श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि ग्रंथों में गीता हूं। इसलिए गीता का सर्वश्रेष्ठ माना गया है।