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कब है कुंवारा पंचमी, इस दिन किन पूर्वजों का श्राद्ध करना चाहिए?

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श्राद्ध पक्ष 14 अक्टूबर तक

इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है, जो 14 अक्टूबर, शनिवार तक रहेगा। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितृ देवता अपने वंशजों से तर्पण और पिंडदान की आशा लेकर पृथ्वी पर आते हैं।

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किन पूर्वजों का करें श्राद्ध?

श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि को कुंवारा पंचमी कहते हैं। इस दिन पंचमी पर मृत हुए परिजनों के अलावा उन पूर्वजों का श्राद्ध भी किया जाता है जिनकी मृत्यु अविवाहित स्थिति में हुई हो।

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इसलिए कहते हैं कुंवारा पंचमी

अविवाहित स्थिति यानी कुंवारी अवस्था में मृत हुए पूर्वजों का श्राद्ध किए जाने के कारण ही इस तिथि को कुंवारा पंचमी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।

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कब है कुंवारा पंचमी?

आश्विन कृष्ण पंचमी तिथि 03 अक्टूबर की सुबह 06:12 से 04 अक्टूबर की सुबह 05:33 तक रहेगी। 3 अक्टूबर को दिन भर पंचमी तिथि होने से इसी दिन कुंवारा पंचमी का श्राद्ध किया जाएगा।

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इस बात का रखें ध्यान

श्राद्ध तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन करवाने की भी परंपरा है। यदि कुंवारा पंचमी पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए बुलाएं तो वह अविवाहित होना चाहिए, इस बात का ध्यान रखें।

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इससे प्रसन्न होंगे पितृ

कुंवारा पंचमी पर ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं। वस्त्र, दक्षिणा दान करें। ब्राह्मण को घर के दरवाजे तक ससम्मान छोड़ कर आएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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