हमारे देश में विवाह से संबंधित अनेक परंपराएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक पकड़ौआ विवाह। इस परंपरा के बारे में बहुत कम लोगों को पता है, क्योंकि ये एक कुरीति है।
पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में पकड़ौआ विवाह को अवैध घोषित किया है। इसके बाद फिर से पकड़ौआ विवाह पर बहस तेज हो गई है। आगे जानिए क्या होता है पकड़ौआ विवाह…
इस परंपरा में किसी विवाह योग्य लड़के को पकड़कर उसका विवाह किसी लड़की से जबरन करवा दिया जाता है। विवाह से इंकार करने पर लड़कों के साथ मार-पीट भी की जाती है।
इस परंपरा में लड़के को डरा-धमकाकर लड़की की मांग में सिंदूर भरने और फेरे लेने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। इस विवाह के बारे में लड़के के घर वालों तक को बाद में पता चलता है।
विवाह के बाद लड़की के घर वाले लड़के पर नजर रखते हैं और दवाब बनाते हैं कि वह इस शादी को स्वीकार करें। इसके लिए धन, बल, छल सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।
पकड़ौआ विवाह की परंपरा बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा है। हालांकि समय के साथ इसमें कमी आती जा रही है। देश में अन्य कहीं भी इस तरह की परंपरा का चलन नहीं है।
पटना हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में पकड़ौआ विवाह को अवैध माना है। उनके अनुसार, दुल्हन यह साबित करने में विफल रही कि इस विवाह में सप्तपदी का अनुष्ठान पूरा हुआ था।