महात्मा विदुर महाभारत के महान विद्वानों में से एक थे। उनकी बताई गई नीतियां आपके समय में भी हमारे लिए बहुत काम की हैं। आगे जानें कपड़ों से कैसे होती है स्त्रियों की रक्षा…
मानेन रक्ष्यते धान्यमश्वान् रक्षत्यनुक्रम:।
अभीक्ष्णदर्शनं गाश्च स्त्रियो रक्ष्या: कुचैलत:।।
तौलने से नाज (अनाज) की रक्षा होती है, फेरने से घोड़े सुरक्षित रहते हैं। रोज देखभाल करने से गायों की और मैले कपड़ों से स्त्रियों की रक्षा होती है।
स्त्री की रक्षा करने वाला कोई न हो तो ऐसी स्थिति में मैले कपड़े उसकी रक्षा करते हैं क्योंकि इससे उसकी सुंदरता में कमी आती है और लोग उसे काम वासना की दृष्टि से नहीं देखते।
विदुर नीति के अनुसार, तौलने से नाज यानी अनाज की रक्षा होती है यानी अनाज को यदि तौलकर रखा जाए तो कोई भी उसे चुराने से पहले 10 बार सोचेगा।
घोड़ों को एक स्थान पर बांधकर रखने से इनकी क्षमता घट जाती है जबकि इन्हें घूमाते रहने और दौड़ाने से इनकी क्षमता और ताकत सुरक्षित रहती है।
विदुर नीति के अनुसा, गायों की रक्षा करने के लिए इनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। देखभाल न करने की स्थिति में गाएं नष्ट हो जाती हैं।