साल के पहले दिन किसी तीर्थ स्थान के दर्शन करें तो पूरा साल गुजरता है। सिर्फ एक क्लिक से आप साल 2024 के पहले दिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के 10 रूपों के दर्शन कर सकते हैं…
धर्म ग्रंथों में कुल 12 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन मिलता है, इनमें से तीसरा महाकालेश्वर है। ये ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाले उज्जैन में स्थित है।
12 ज्योतिर्लिगों में से सिर्फ महाकाल ही ऐसा है, जहां रोज सुबह भस्मारती की जाती है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं, इसलिए ये विश्व प्रसिद्ध है।
12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। दक्षिण यम और तंत्र की दिशा मानी गई है, इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है।
उज्जैन में हर साल सावन मास में प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की प्रतिमा को पालकी में बैठाकर सवारी निकालने की परंपरा है। ये परंपरा अति प्राचीन है।
उज्जैन के लोग भगवान महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि राजा होने के नाते उज्जैन की रक्षा स्वयं भगवान महाकाल करते हैं।
भादौ मास के दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल की अंतिम सवारी निकलती है, जिसे शाही सवारी कहते हैं। इसे देखने के लिए लाखों भक्त यहां आते हैं।
महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में ज्योतिर्लिंग के ठीक ऊपर छत पर चांदी से रुद्र यंत्र बना हुआ है। यही बात महाकाल ज्योतिर्लिंग को और भी खास बनाती है।
सावन-भादौ के अलावा कार्तिक- अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इसमें भी बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करते हैं।