इस समय प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में रोज हजारों लोग साधु-संत बनने के लिए आवेदन दे रहे हैं। इनमें से कुछ को साधारण नागा तो कुछ को महामंडलेश्वर की उपाधि दी जा रही है।
हाल ही में मशहूर फिल्म एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर बनाया गया है। साधु समाज में इस पद का बहुत सम्मान है। शैव अखाड़ों में ये पद दूसरा बड़ा पद होता है।
बहुत से लोग आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर पद को एक ही मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इन दोनों पदों में बहुत अंतर है। ये दोनों पद अलग-अलग हैं, जिनके बारे में लोगों को नहीं पता।
किसी भी शैव अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर का पद सबसे बड़ा होता है। शैव अखाड़ों में ये पद सिर्फ एक ही होता है। अखाड़ों के सभी नियम व अन्य बातें आचार्य महामंडलेश्वर ही तय करते हैं।
शैव अखाड़ों में अनेक महामंडलेश्वर होते हैं। इनकी कोई तय सीमा नहीं होती। जो भी महामंडलेश्वर के नियमों की कसौटी पर खरा उतरता है। उसे परंपरा के अनुसार ये पद दे दिया जाता है।
महामंडलेश्वर का अलग डेकोरम होता है। इनके अनेक अनुयायी होते हैं। पेशवाई के दौरान इन्हें रथ दिया जाता है। अखाड़े में होने वाले अन्य कार्यक्रमों में इनकी अलग से व्यवस्था की जाती है।
आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर की परंपरा शैव अखाड़ों में है। चूंकि किन्नर अखाड़ा अभी जूना अखाड़ा के अधीन है इसलिए ममता कुलकुर्णी को महामंडलेश्वर बनाया गया है।