प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में 5 ऐसी चीजों के बारे में बताया, जिन्हें कभी बदलना नहीं चाहिए, चाहे किसी भी स्थिति क्यों न हो। ऐसा करने से दोष लगता है। जानें क्या हैं ये 5…
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, गुरु का चयन एक बार सोच-समझकर करना चाहिए। एक बार किसी को गुरु मान लेने के बाद उसे छोड़ना नहीं चाहिए। ऐसा करने से महापाप लगता है।
आपने जिसे गुरु माना है अगर वो आपको कोई मंत्र दे तो उसी का जाप आपको जीवनभर करना चाहिए। अपनी मर्जी से या किसी और के कहने पर मंत्र बदलना नहीं चाहिए।
गुरु यदि आपको कोई धर्म ग्रंथ दे तो उसे जीवनभर अपने साथ रखना चाहिए। चाहे भी किसी भी स्थिति में क्यों न हो। इसके स्थान पर वही धर्म ग्रंथ नया नहीं लाना चाहिए। ऐसा करने से बचें।
आप जिसे भी अपना इष्टदेव मानते हैं, जीवन भर उसकी पूजा करें। उसके स्थान पर किसी अन्य देवता को अपना इष्ट न बनाएं। ये इष्ट कुल परंपरा या गुरु परंपरा के अनुसार भी हो सकते हैं।
जिस माला से आप प्रतिदिन मंत्र जाप करते हैं, यदि वो टूट जाए तो उसी को ठीक करवाकर दोबारा उपयोग में लें। मंत्र जाप की माला को बार-बार बदलना नहीं चाहिए।