हर साल देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह भी करवाया जाता है। इस बार 12 नवंबर, मंगलवार को ये शुभ तिथि है। तुलसी से जुड़ी कईं मान्यताएं हमारे समाज भी प्रचलित हैं।
तुलसी के बारे में कहते हैं ये पौधा घर में सुख-समृद्धि बढ़ाता है। लेकिन इससे जुड़ी कुछ गलतियां सर्वनाश भी कर देती हैं। इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानें तुलसी से जुड़ी कुछ खास बातें…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कुछ खास तिथियों पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए, ऐसा करने से अशुभ फल मिलते हैं। ये तिथियां हैं- एकादशी, द्वादशी, चतुर्दशी और अमावस्या।
तुलसी के पौधा साक्षात देवी का स्वरूप माना गया है। इसे अशुद्ध अवस्था में यानी बिना नहाए नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से इसका अपमान होता है हमें अशुभ फल भुगतने पड़ सकते हैं।
सूर्यास्त के बाद भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। यहां तक कि सूर्य अस्त होने के बाद तुलसी में पानी भी न डालें। तुलसी में पानी डालने का सही समय सुबह-सुबह का है।
वैसे तो तुलसी के पत्ते किसी भी देवी-देवता को चढ़ाए जा सकते हैं लेकिन भगवान श्रीगणेश को नहीं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ऐसा करने हमारे लिए नई परेशानियां खड़ी कर सकता है।
यदि महिला रजस्वला स्थिति में है तो तुलसी को पौधे भूलकर भी स्पर्श न करें और अपनी छाया भी उस पर न पड़ने दें। इससे तुलसी का पौधा सूख सकता है।
यदि किसी वजह से तुलसी का पौधा सूख जाए तो इसे इधर-उधर न फेंके। या तो इसकी लकड़ियों को संभालकर किसी उचित स्थान पर रख दें या किसी नदी अथवा तालाब में प्रवाहित कर दें।