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क्या हैं ‘द वेलिंग वॉल’, इसे देखकर क्यों आज भी रोते हैं यहूदी?

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क्या है ‘द वेलिंग वॉल’? (What is 'The Wailing Wall'?)

इजराइल और फिलिस्तीन में जंग जारी है। इस दौरान कुछ स्थानों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है, इन्हीं में से एक है द वेलिंग वॉल। आगे जानिए कहां है ये दीवार और ये क्यों खास है…

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कहां है ‘द वेलिंग वॉल’? (Where is ‘The Wailing Wall)

इजराइल में यरुशलम एक पवित्र शहर है। यहीं पर स्थित है द वेलिंग वॉल, जिसे वेस्टर्न वॉल (पश्चिमी दीवार) और सोलोमन की दीवार भी कहा जाता है। यहूदी इसे बहुत ही पवित्र मानते हैं।

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क्यों पवित्र है ये दीवार?

यहूदी मानते हैं कि ये दीवार सोलोमन मंदिर का अवशेष है। पहले यहां भव्य मंदिर था, जिसे रोमन शासकों द्वारा 70 ईस्वी में नष्ट कर दिया गया था। इसलिए यहूदी इसे पवित्र स्थान मानते हैं।

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इसे देखकर क्यों होते हैं यहूदी?

‘द वेलिंग वॉल’ को देखकर यहूदी दुखी हो जाते हैं और वे सोचते हैं कि सोलोमन मंदिर को आक्रांताओं से नहीं बचा पाए। यही सोच-सोचकर उनका दिल भर आता है और वे रोने लगते हैं।

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कौन थे किंग सोलोमन?

राजा सोलोमन का वर्णन बाइबिल में मिलता है। वे इजराइल के राजा था। उन्होंने ही यरुशलेम में पहला मंदिर बनवाया था, द वेलिंग वॉल उसी का हिस्सा है। इसलिए इसे सोलोमन मंदिर कहते हैं।

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ऐसी है संरचना

द वेलिंग वॉल मोटे चूना पत्थरों को जोड़कर बनाई गई है। यह लगभग 60 फीट ऊँची और लगभग 160 फीट लंबी है, हालाँकि इसका अधिकांश भाग अन्य संरचनाओं में समा गया है।

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ऐसे करते हैं यहां पूजा

जब भी कोई यहूदी द वेलिंग वॉल के पास जाता है तो वो वहां बैठकर अपना पवित्र ग्रंथ ‘तनख’ पढ़ता है। ये ग्रंथ हिब्रू भाषा में लिखा गया है। इस तरह यहूदी अपने भगवान को याद करते हैं।

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