इस बार 14 अक्टूबर को शनिश्चरी अमावस्या है। इस दिन किए गए उपायों से शनिदेव प्रसन्न हो सकते हैं और भक्तों की परेशानी दूर करते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
शनिश्चरी अमावस्या पर अपने आस-पास स्थिति किसी शनि मंदिर में पूजा करें और शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें। पूजा में काले तिल और नीले फूल भी चढ़ाएं।
शनिश्चरी अमावस्या पर कुष्ठ रोगियों का दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन कुष्ठ रोगियों को भोजन, कपड़े, जूते-चप्पलों आदि चीजों का दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए छाया दान एक आसान उपाय है। इसके लिए एक बर्तन में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनि का दान लेने वालों को दान कर दें। इससे शुभ फल मिलेंगे।
शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव के मंत्रों का जाप विधि-विधान से करें। मंत्र जाप के लिए काली तुलसी की माला या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। मंत्र जाप से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिश्चरी अमावस्या पर काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। भैंसे को तेल में तले हुए काले चने खिलाएं। अगर काली गाय दिख जाए तो उसे चारा खिलाएं। इससे भी शनिदेव से शुभ फल मिल सकते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल पर जल चढ़ाना भी एक आसान उपाय है। ऐसा करते समय पीपल के निकट एक शुद्ध घी का दीपक भी जलाकर रखें।
शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव को काले तिल और उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं। संभव हो तो इस दिन उपवास करें और शाम को इसी खिचड़ी से अपना व्रत पूर्ण करें।