इजराइल और फिलिस्तीन में चल रही जंग में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इन दोनों देशों में पहले भी कईं बार युद्ध हो चुके हैं। ये दोनों ही देश अलग-अलग धर्मों से संबंधित हैं।
फिलिस्तीन इस्मालिक देश है और इजराइल यहूदी। दोनों ही धर्मों के लोग एक-दूसरे को दुश्मन मानते हैं। इन दोनों धर्मों में कुछ परंपराएं एक जैसी हैं। आगे जानि इन परंपराओं के बारे में…
आदम से लेकर अब्राहम और मूसा तक यहूदी और मुस्लिम दोनों के पैगंबर एक ही हैं। दोनों ही धर्मों के लोग इस बात को मानते हैं और पैगंबरों का सम्मान भी करते हैं।
मुस्लिमों में खतना जरूरी परंपरा है। ये परंपरा यूहदियों में भी है। मुस्लिमों की तरह ही यहूदी संप्रदाय में भी पुरूषों की ख़तना को धार्मिक परंपरा के रूप में सबसे जरूरी माना गया है।
जिस तरह मुस्लिमों में मूर्ति पूजा प्रतिबंधित है, उसी तरह यहूदी धर्म में भी मूर्ति पूजा निषेध मानी गई है। इस्लाम और यहूदी दोनों ही धर्मों में मूर्ति पूजा को गलत माना गया है।
जब भी कोई मुस्लिम नमाज पढ़ता है तो वह एक खास तरह की टोपी जरूर लगाता है। यही परंपरा यूहदियों में भी है। वे भी प्रार्थना या पूजा करते समय टोपी जरूर लगाते हैं, जिसे किप्पा कहते हैं।
मुस्लिमों की तरह ही यहूदियों में भी शव को दफनाने का रिवाज है। हालांकि इस रिवाज के दौरान कुछ खास बातों का भी ध्यान रखा जाता है। इस तरह ये परंपरा भी दोनों धर्मों में कॉमन है।