क्या है ’किप्पा’ टोपी, जो बन चुकी यहूदियों की धार्मिक पहचान?
Spiritual Oct 10 2023
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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इजराइल का राजधर्म है यहूदी
इजराइल और फिलिस्तीन में जंग शुरू हो चुके 4 दिन हो चुके हैं। इजराइल का राजधर्म यहूदी है। यहूदियों में कईं धार्मिक मान्यताएं हैं। ऐसी ही मान्यता ‘किप्पा’ टोपी को लेकर भी है।
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किप्पा टोपी पहनना जरूरी
दुनिया के लगभग सभी धर्मों में सिर ढंककर ही पूजा-प्रार्थना की जाती है। यहूदी भी एक खास तरह की टोपी पहनकर प्रार्थना करते हैं। इसे किप्पा टोपी कहा जाता है। जानें क्यों खास है ये टोपी…
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क्या है किप्पा का अर्थ?
किप्पा एक हिब्रू शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है गुंबद। इस टोपी को सिर पर गुंबद की तरह पहना जाता है इसलिए इसे ये नाम दिया गया है।
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किस चीज से बनी होती है ये टोपी?
यहूदियों द्वारा पहनी जाने वाली किप्पा टोपी आमतौर पर कपड़े से बनी होती है। कईं बार इन टोपियों पर एक सितारे का चिह्न भी बना होता है जो यहूदियों का धार्मिक चिह्न है।
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टोपी पहनना कब जरूरी?
वैसे तो यहूदियों द्वारा अपनी इच्छा अनुसार किप्पा टोपी पहनी जाती है, लेकिन प्रार्थना और कुछ खास मौकों पर इसे पहनना अनिवार्य माना जाता है। इसके बिना प्रार्थना नहीं की जा सकती।
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एक नाम ये भी
किप्पा को आम भाषा में यरमुलके भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहूदियों को चार हाथ से अधिक नंगे सिर नहीं चलना चाहिए। इसलिए किप्पा अनिवार्य परंपरा है।
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छोटी उम्र से ही जरूरी
यूहदी धर्म ग्रंथों में किप्पा पहनना को "भगवान का सम्मान करना" के समान माना गया है। इसलिए यहूदियों को छोटी उम्र से ही किप्पा पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।