साल 2026 के पहले महीने यानी जनवरी में अमावस्या तिथि 18 जनवरी, रविवार को रहेगी। माघ मास की अमावस्या होने से इसे माघी और मौनी अमावस्या भी कहते हैं।
फरवरी 2026 में अमावस्या तिथि 2 दिन रहेगी। 17 फरवरी, मंगलवार को रहेगी। इसके एक दिन पहले यानी 16 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।
19 मार्च, गुरुवार को चैत्र मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इसी दिन हिंदू वर्ष 2082 समाप्त होगा और इसके अगले दिन से विक्रम संवत 2083 शुरू होगा।
17 अप्रैल, शुक्रवार को वैशाख मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इसे सतुवाई अमावस्या भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
मई 2026 में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 16 मई, शनिवार को रहेगी। इस दिन शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा और साल की पहली शनि अमावस्या भी इसी दिन रहेगी।
15 जून, रविवार को ज्येष्ठ के अधिक मास की अमावस्या तिथि रहेगी। अधिक मास की अमावस्या का संयोग 3 साल में एक बार बनता है। इसलिए इसका विशेष महत्व है।
14 जुलाई, मगंलवार को आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इस दिन हलहारिणी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व में किसान हल की पूजा करते हैं।
अगस्त 2026 में सावन मास की अमावस्या 12 अगस्त, बुधवार को रहेगी। श्रावण मास की अमावस्या होने से इसका विशेष महत्व रहेगा। इसे हरियाली अमावस्या कहते हैं।
11 सितंबर, गुरुवार को भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते हैं। इसी दिन कुशा नाम की घास को एकत्रित किया जाता है।
साल 2026 में आश्विन मास की अमावस्या 10 अक्टूबर, शनिवार को रहेगी। इस दिन पितृ मोक्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही शनिश्चरी अमावस्या भी रहेगी।
नवंबर 2026 में कार्तिक मास की अमावस्या 9 नवंबर, सोमवार को रहेगी। इस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।
दिसंबर 2026 में मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि 8 दिसंबर, मंगलवार को रहेगी। इस दिन पितरों की शांति के लिए उपाय आदि करना श्रेष्ठ रहेगा।