reels नहीं, कलम थामना चाहती थी वो बहू! बिहार के गांव में नई दुल्हन की पढ़ाई की जिद पर सास बनी उसकी टीचर… गांव की गलियों में गूंजा बदलाव का संदेश!
बिहार की नई नवेली बहू ने शादी के बाद ना सजना-संवरना मांगा, ना सोशल मीडिया… बल्कि पढ़ने की ख्वाहिश जताई जिसने पूरे गांव को चौंका दिया।
जब सास को पता चला कि बहू पढ़ना चाहती है, तो बिना देर किए उसका हाथ थामा और स्कूल की ओर निकल पड़ी। गांव में हर कोई इस नज़ारे को देख हैरान रह गया।
महज 5 दिन के भीतर नई बहू नीतू कुमारी को 9वीं क्लास में दाखिला दिलवाया गया। ये बदलाव की बयार अब गांव-गांव तक पहुंच रही है।
सुपौल के छातापुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई यह ऐतिहासिक पहल, जिसे शिक्षकों और छात्रों ने खुले दिल से सराहा।
"लोगों ने टोका नहीं? बहू को पढ़ाना ठीक है?" इस पर सास ने गर्व से कहा – “जब तक बहू पढ़ेगी, हम उसका साथ देंगे!”
इस पहल ने न सिर्फ एक घर में बल्कि पूरे गांव में शिक्षा को लेकर सोच बदल दी। लड़कियों की पढ़ाई अब बंदिश नहीं, प्रेरणा बन रही है।
प्रधानाध्यापक रमेश कुमार ने कहा – “जब महिलाएं खुद आगे आ रही हैं, तो ये बदलाव की शुरुआत है। ग्रामीण भारत की यह तस्वीर उम्मीद देती है।”
आज ये जोड़ी हर उस परिवार के लिए मिसाल बन गई है जो बेटियों और बहुओं की पढ़ाई को बेकार समझते हैं। ये कहानी रूढ़ियों को तोड़ती है।
जहां कई लड़कियां सोशल मीडिया में उलझी हैं, वहीं नीतू ने किताबों से रिश्ता जोड़ा। यह कहानी बताती है—सपने उम्र या रिश्तों की मोहताज नहीं होते।
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