ओपी चौधरी, रायगढ़ से विधायक ओपी चौधरी भी मंत्री बने हैं। वह 2005 बैच के IAS अफसर रहे हैं। राजधानी रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। फिलहाल वो छत्तीसगढ़ बीजेपी के महासचिव हैं।
बृजमोहन अग्रवाल. रायपुर दक्षिण से विधायक बीजेपी के सीनियर नेता हैं, वो आठ बार से विधायक हैं। पहले भी मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ एलएलबी की डिग्री भी ली है।
दयालदास बघेल. नवागढ़ विधानसभा से विधायक दयालदास सीनियर नेता हैं। वो ल चौथी बार विधायक चुने गए हैं। 2003 में पहली बार जीते थे। वह महज दसवी पढ़े हैं। लेकिन राजनीति का लंबा अनुभव है।
टंकराम वर्मा, बलौदा बाजार सीट से विधायक टंकराम, वो 30 वर्षों से सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने एलएलबी किया है। वह पहले जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे।
लखन लाल देवांगन, कोरबा विधानसभा से विधायक लखन लाल देवांगन दूसरी बार विधायक हैं। 2003 में राजनीति शुरू की थी, कोरबा निगम के महापौर रहे हैं। वह भी दसवीं पास नहीं हैं।
श्याम बिहारी जायसवाल, 2013 में जायसवाल पहली बार महेंद्रगढ़ से विधायक बने थे।वे बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उऩ्होंने एमएससी रसायन से किया है।
लक्ष्मी राजवाड़े. पहली बार विधायक बनीं लक्ष्मी राजवाड़े भी मंत्री बन गई हैं। वह पहले पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। 31 साल की लक्ष्मी बीए सेंकड तक पढ़ी हैं।
रामविचार नेताम, छठी बार विधायक रामविचार नेताम बड़े आदिवासी नेता हैं। बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रहे हैं। बैंक और टीचर की नौकरी कर चुके हैं। स्नातक किया है।
. केदार कश्यप, नारायणपुर विधानसभा से विधायक केदार आदिवासी नेता हैं। 2003 में केदार कश्यप पहली बार विधायक बने थे। केदार ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है।