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जानें यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर क्या चाहते थे डॉ. भीमराव अंबेडकर

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यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) क्‍या है

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए देश में एक नियम। समान नागरिक संहिता यानी पूरे देश के लिए एक समान कानून लागू करना है।

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संविधान में यूसीसी

यूसीसी में सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम समान होंगे। संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून का जिक्र किया गया है।

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यूसीसी का पहली बार जिक्र कब हुआ

समान नागरिक कानून का पहली बार जिक्र 1835 में ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में हुआ था। जिसमें अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू करने की सिफारिश की गई थी।

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यूनिफॉर्म सिविल कोड चर्चा में क्यों है

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल(Uniform Civil Code) पेश कर दिया है। चर्चा के बाद राज्य में यह लागू भी कर दिया जाएगा।

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यूसीसी को लेकर क्या चाहते थे डॉ. अंबेडकर

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि 'हमारे पास एक समान और पूर्ण आपराधिक संहिता है। हमारे पास संपत्ति हस्तांतरण का कानून है जो पूरे देश में समान रूप से लागू है।'

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डॉ. अंबेडकर ने क्या कहा था

अंबेडकर ने संविधान सभा में कहा कि कई कानून ऐसे हैं जो देश में व्यावहारिक रूप से समान नागरिक संहिता है। इनके मूल तत्व समान हैं और इन्हें पूरे देश में लागू किया गया है।

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संविधान निर्माता और यूसीसी

डॉ. अंबेडकर ने समान नागरिक संहित को लेकर कहा था कि सिविल कानून विवाह और उत्तराधिकार कानून का उल्लंघन करने में सक्षम नहीं हैं।

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