झारखंड विधानसभा में इस बार महिलाओं ने नया इतिहास रच दिया है। इस बार 12 महिला उम्मीदवार विधानसभा पहुंची हैं। यह आंकड़ा 2019 के 10 महिला विधायकों से ज्यादा है।
इस बार महिला विधायकों की संख्या बढ़ाने में इंडिया गठबंधन और एनडीए ने अहम भूमिका निभाई है। दोनों ने मिलकर 26 महिला उम्मीदवार उतारी थीं, जिनमें से 12 ने जीत दर्ज की।
झारखंड के गठन (2000) से लेकर अब तक हर विधानसभा चुनाव में महिला विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
आगे जानिए प्रमुख महिला विधायकों के बारे में।
निसात ने पाकुड़ सीट से जीत दर्ज की। पहली बार चुनाव लड़कर विजयी हुईं। निसात पूर्व मंत्री और उनके पति अलमगीर आलम की सीट से चुनाव लड़ीं। उनके पति मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में हैं।
श्वेता सिंह, कांग्रेस नेता समरेश सिंह की बहू हैं। उन्होंने बोकारो सीट से बीजेपी के बिरांची नारायण को 7,207 वोटों से हराया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंची हैं। उन्होंने बीजेपी की मुन्निया देवी को 17,142 वोटों से हराया।
महगामा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीतने वाली दीपिका ने बीजेपी के अशोक कुमार को 18,645 वोटों से हराया।
लुईस मरांडी, जो पहले बीजेपी से मंत्री रह चुकी थीं, इस बार टिकट न मिलने पर जेएमएम से चुनाव लड़ीं और जामा सीट से विजयी हुईं।
शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।
जेएमएम से 3 महलिा MLA
हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने दिल्ली जाकर पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य को 28 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है।