झारखंड के गुमला के चुंदरी और लोहरदगा जिले के आर्या गांव के लोग पूर्वजों से चली आ रही परंपरा के तहत हर लड़की को बहन मानते हैं
चुंदरी और आर्या गांव में सालों से परंपरा चली रही है कि यहां एक-दूसरे के यहां रिश्ते नहीं होते हैं, सिर्फ दूसरे गांवों में शादी करते हैं
चुंदरी और आर्या गांव के लोग हर 12 साल में एक-दूसरे के यहां मेहमानी करने जाते हैं, यह परंपरा काफी सालों से चली आ रही है
आर्या गांव में मेहमाननवाजी पर 5 लाख खर्च हुए। 12 साल बाद चुंदरी गांव वाले 20 लाख रुपए खर्च करेंगे
इस बार चुंदरी गांव के लोग आर्या गांव मेहमानी के लिए गए हैं, 2035 में इसके उलट आर्या गांव के लोग मेहमाननवाजी कराने चुंदरी गांव आएंगे
चुंदरी और आर्या गांव के लड़के-लड़की एक-दूसरे को भाई-बहन मानते हैं, यानी भविष्य में भी इनकी शादी असंभव होगी
झारखंड में सबसे अधिक आबादी संथाल की है। इसके अलावा राज्य में -असुर, बंजारा, मुण्डा, भूमिज और बिरजिया बैगा आदिवासी भी रहते हैं
झारखंड विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों का संगम क्षेत्र कहा जाता है। यहां द्रविड़, आर्य आदि आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति मौजूद है