गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर परिवार द्वारा हर साल 40 लाख रुपये खर्च करने का चौंकाने वाला खुलासा, चचेरे भाई ने बताया कैसे एक अमीर परिवार का बेटा लॉरेंस अपराध की दुनिया में फंसा।
लॉरेंस का असली नाम बालकरण बरार है। गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) कई मामलों में उसकी जांच कर रहे हैं।
लारेंस के चचेरे भाई रमेश बिश्नोई ने बताया कि उनके परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि लॉरेंस, जो पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई कर रहा था, एक कुख्यात अपराधी बन जाएगा।
रमेश के अनुसार उनका परिवार हमेशा से संपन्न रहा है। उसके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे। उनके पास 110 एकड़ जमीन है। आज भी परिवार हर साल लॉरेंस पर ₹35-40 लाख खर्च कर रहा है।
लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह का नाम हाल ही में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में सामने आया है। NIA के अनुसार बिश्नोई गैंग ने पिछले कुछ वर्षों में बड़ी तेजी से विस्तार किया है।
इस गिरोह में 700 से अधिक शूटर हैं, जिनमें से 300 शूटर पंजाब से जुड़े हैं। गिरोह ने जबरन वसूली के जरिए करोड़ों रुपये कमाए, जिन्हें हवाला के जरिए विदेश भेजा गया।
NIA ने लॉरेंस और गोल्डी बराड़ सहित 16 गैंगस्टरों पर कड़े UAPA कानून के तहत कार्रवाई की है। NIA कहा कि लॉरेंस गैंग दाऊद इब्राहिम की D-कंपनी की तर्ज पर अपना नेटवर्क फैला रहा है।
उत्तर भारत में खौफ़ का पर्याय पर बन चुके गैंग ने युवाओं के बीच अपने गिरोह को बढ़ावा देने के लिए फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है।
जेल में बंद बिश्नोई के प्रति उसके परिवार का समर्थन और आर्थिक सहायता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, पुलिस और जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।