मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख चेहरे मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र चुनाव में उम्मीदवारों का समर्थन न करने का निर्णय लिया। जानें, उन्होंने क्यों लिया यू-टर्न।
20 नवंबर को होने वाले चुनाव में कुछ उम्मीदवारों का समर्थन करने की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने मीडिया के सामने यह बदलाव स्पष्ट किया।
मनोज जरांगे पाटिल ने अपने निर्णय का कारण बताते हुए कहा कि केवल एक जाति के समर्थन पर चुनाव जीतना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर वे कोई उम्मीदवार खड़ा करते हैं और अगर वह हार जाता है, तो यह पूरी जाति के लिए असम्मान की बात होगी, जो उन्हें कतई स्वीकार नहीं होगी।
उन्होंने अपने बयान में सभी मराठा उम्मीदवारों से नामांकन वापस लेने का आग्रह किया, ताकि जाति का मान-सम्मान बरकरार रहे।
मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण आंदोलन में 15 वर्षों से सक्रिय हैं और उन्होंने शिवबा संगठन की स्थापना कर कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं।
सितंबर 2023 में उनकी भूख हड़ताल के बाद उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर व्यापक समर्थन हासिल किया।
जनवरी 2024 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया था कि आरक्षण मिलने तक मराठा समुदाय को ओबीसी लाभ मिलेगा, जिसके बाद उन्होंने अपना उपवास समाप्त किया था।