महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (DGP) रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर का आदेश जारी किया है। अचानक ऐसा क्यों हुआ, आईए जानते हैं।
कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने उन पर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के पक्ष में पक्षपाती रवैया अपनाने का आरोप लगाया। विपक्ष ने दावा किया कि उनकी उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं।
चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से रश्मि शुक्ला के कार्यभार को उनके बाद के वरिष्ठ IPS अधिकारी को सौंप दें।
इसके साथ ही नए पुलिस प्रमुख के चयन के लिए तीन नामों का पैनल कल तक आयोग को भेजने का आदेश भी दिया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अधिकारियों को निष्पक्ष और गैर-पक्षपाती बने रहने की चेतावनी दी है, ताकि विधानसभा चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे।
कांग्रेस और शिवसेना (UBT) सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि रश्मि शुक्ला ने विपक्षी नेताओं के फोन टैप कर महायुति गठबंधन को उनकी योजनाओं की जानकारी दी।
शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आरोप लगाते हुए कहा, "2019 में हमारी सरकार बनने के समय शुक्ला ने विपक्ष के फोन टैप किए और बीजेपी को सूचना दी।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि रश्मि शुक्ला के DGP रहते निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। इसलिए इनकाे हटाना जरूरी है।
1988 बैच की IPS रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की पहली महिला DGP हैं। इससे पहले वह SSB की प्रमुख थीं। आगामी 20 नवंबर को 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव और 23 नवंबर को काउंटिंग होगी।