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कौन हैं मनोज जरांगे, जिनके आगे झुक गई शिंदे सरकार, एक आवाज बनी आंदोलन

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माराठा अंदोलन की 6 मांगों पर सहमति

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने प्रदेश में चल रहे मराठा आंदोलन की मांगे मान ली हैं। यानि आरक्षण का मुद्दा सुलझ गया है। 6 मांगों पर सहमति बनी है।

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सीएम शिंदे जरांगे को जूस पिलाएंगे

खुद सीएम शिंदे ने ​​​​​​​मराठा आंदोलन के नेता म​​​नोज जरांगे का अनशन खत्म कराने के लिए नवी मुंबई के वाशी पहुंचे। सीएम ने कहा था कि वह जरांगे को जूस पिलाएंगे।

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सीएम शिंदे ने खत्म कराया आंदोलन

शुक्रवार को आंदोलन के नेता जरांगे ने कहा था कि सीएम एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गई है। अब हमारा विरोध अब खत्म हुआ।

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2014 से कर रहे मराठा आंदोलन

मनोज जरांगे पाटिल महाराष्ट्र के बीड के रहने वाले हैं। वो पहले होटल में वेटर का काम करते थे। लेकिन 2014 से मराठा रिजर्वेशन के लिए आंदोलन करने लगे।

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मराठा योद्धा बनकर डटे रहे जरांगे

जरांगे ने कई दिनों तक भूख हड़ताल की है। उन्होंने न सर्दी देखी, न गर्मी, और बारिश में भी मराठा योद्धा की तरह मराठियों के आरक्षण के लिए आंदोलन करते रहे।

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एक अवाज में लाखों लोगों को जोड़ा

जरांगे की एक अवाज में लाखों लोगों ने मराठा आंदोलन का झंडा उठा लिया था। मनोज ने कह दिया था कि आरक्षण की मांग पूरा करवाकर उठेंगे।

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जरांगे ने लड़ी 4 करोड़ लोगों की लड़ाई

वह महाराष्ट्र की कुल 33 फीसदी आबादी यानी करीब 4 करोड़ लोगों के हक की लड़ाई के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। कई लोगो की इस आंदोलन में जान जा चुकी है।

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