रतन टाटा हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से स्नातक, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर की डिग्री और टाटा समूह में अग्रणी भूमिका।जानें उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर उद्योगपति बनने तक की कहानी।
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। परोपकारी और टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा दुनिया के सबसे लोकप्रिय व्यवसायियों में से एक हैं।
रतन टाटा वर्तमान में टाटा समूह के मानद चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं, जबकि नटराजन चंद्रशेखरन टाटा समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का पद संभाल रहे हैं।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को नवल टाटा और सोनू टाटा के घर हुआ था। जब वे 10 साल के थे, तब उनके माता-पिता अलग हो गए। रतन और उनके भाई का पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया।
रतन टाटा की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई। इसके बाद वे शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने गए।
17 साल की उम्र में रतन टाटा आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (इथाका, न्यूयॉर्क, यूएसए) चले गए। उन्हें 1962 में डिग्री प्रदान की गई।
1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में रतन टाटा सहायक के रूप में शामिल हुए। उसी वर्ष उन्होंने टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टाटा मोटर्स) के जमशेदपुर प्लांट में 6 माह की ट्रेनिंग ली।
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रतन टाटा ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम में दाखिला लिया। उन्होंने 1975 में कोर्स पूरा किया।
1981 में रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन नियुक्त किया गया। उन्होंने 25 मार्च, 1991 को जेआरडी टाटा से टाटा संस के अध्यक्ष और टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का पदभार संभाला।
भारत सरकार ने 2008 में श्री रतन टाटा को अपने दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया।