चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने को कहा गया है। जिसके कारण वो सुर्खियों में हैं।
अनिल मसीह चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी भूमिका में थे। जिनपर चुनावों के मतपत्रों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।
चुनाव प्रक्रिया पर छेड़छाड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र का मजाक है।
53 साल के अनिल मसीह वर्तमान में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर हैं। वह भाजपा से भी जुड़ हुए हैं। अनिल 2015 में बीजेपी के सदस्य बने थे।
अनिल मसीह बीजेपी से 2018 में चंडीगढ़ जिला एक के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रेसीडेंट नियुक्त किए गए थे। वह चंडीगढ़ नगर निगम के सदस्य भी हैं।
अनिल मसीह ने चंड़ीगढ़ के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। इसके अलावा डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। मसीह की पत्नी पंजाब इंजीनियरिंग हॉस्टल में गर्ल्स हॉस्टल की प्रबंधक हैं।