राजस्थान भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की शपथ ली। दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा डिप्टी सीएम बनाए गए। तो आइए जानते हैं राज्य की सियासत में डिप्टी के पावर और वेतन क्या होता है।
संविधान में डिप्टी सीएम का कोई जिक्र नहीं है। यानि यह संवैधानिक पद नहीं है। लेकिन राज्य सरकारें अपनी सुविधा और सियसत साधने के लिए यह पोस्ट बनाते हैं।
डिप्टी सीएम की रैंक राज्य के कैबिनेट मंत्री के बराबर होती है। उन्हें सारी सुविधाएं इसी हिसाब से दी जाती हैं। यानि सीएम के बाद दूसरा सर्वोच्च रैंकिंग वाला मंत्री माना जाता है।
डिप्टी सीएम को मिलने वाले वेतन और भत्ते की बात की जाए तो कैबिनेट मंत्री के बराबर ही इनको वेतन दिए जाते हैं। कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जाती है।
पावर की बात की जाए तो सीएम के बाद नंबर दो का ओहदा होता है। इन्हें बड़े विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। राजनीतिक समीकरण बदलने पर मुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।
डिप्टी सीएम का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता है। राजनीतिक उलटफेर के चलते मुख्यमंत्री चाहे तो उन्हें हटा भी सकता है।