जयपुर की नई मेयर कुसुम यादव का चुनावी सफर और अचानक मिली सफलता। जानें कैसे उन्होंने अपने पूर्व प्रतिद्वंदी की जगह ली और क्या हैं उनके राजनीतिक भविष्य की संभावनाएं।
कुसुम यादव ने निर्दलीय पार्षद से मेयर बनने का सफर तय किया है। उन्हें मुनेश गुर्जर की जगह मेयर बनाया गया, जो भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित हो गईं। उनका कार्यकाल 2 महीने का होगा।
कुसुम यादव वार्ड नंबर 74 से दूसरी बार पार्षद बनी हैं। पहले बीजेपी से जुड़ी थीं। 2019 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ीं थी लेकिन हार गईं थीं।
उस वक्त BJP के 29 अन्य नेताओं ने भी बगावत की थी, जिसके चलते उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
हालांकि बीजेपी ने हाल के चुनावों में कुसुम की जरूरत को समझते हुए उन्हें मेयर प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गईं। अब उन्हें को एक्टिंग मेयर बनाया गया है।
उनका कार्यकाल मैक्सिमम 2 महीने का होगा, क्योंकि नगर निगम के नियमों के अनुसार कार्यवाहक मेयर को यह अवधि दी जाती है। कुसुम की नियुक्ति से BJP ने OBC कार्ड को भी खेला हैं।
कुसुम ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पद संभाले। वे पहले जयपुर नगर निगम की सांस्कृतिक समिति की चेयरमैन रह चुकी हैं और उनके पति अजय यादव भी पूर्व में पार्षद रह चुके हैं।
इस नियुक्ति के साथ जयपुर हेरिटेज नगर निगम में नए राजनीतिक समीकरण की संभावना है। कुसुम यादव की कार्यवाहक मेयर के रूप में नियुक्ति ने नगर निगम की राजनीतिक दिशा में नया मोड़ दिया है।