कोटा से सांसद चुने गए और लोकसभा के दूसरी बार स्पीकर बन गए हैं। वह राजस्थान के कोटा से तीन बार से बीजेपी के सासंद हैं।
ओम बिरला की दो आदतें जो उनको सबसे अलग बनाती हैं...एक है परिधान और प्रसादम, जिसके कारण कोटा ही नहीं पूरे देशभर में उनकी एक अलग पहचान है।
इन दोनों योजान के नाम से कोटा और आसपास के जिलों के लोगों के लिए दो फ्री योजनाएं चलाते हैं। जो करीब बारह-तेरह साल से चल रही है।
परिधान योजना के तहत जरूरतमंदों को फ्री कपड़े दिए जाते हैं और प्रसादम में तीन समय का मुफ्त भोजन दिया जाता है। हर रोज हजारों जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन बनता है।
इन्हें दो अच्छे कामों की वजह से ओम बिरला आज तक कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं। विधायक हो या सांसद, हर बार वे जीतकर आए।
बता दें कि ओम बिरला छात्र राजनीति से साल 1977 में पॉलिटिक्स में आए थे। उन्होंने 2003 में कोटा सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और रिकॉर्ड वोटों से जीता था।
जैसे ही ओम बिरला लोकसभ स्पीकर के लिए चुने गए तो उनकी संसदीय सीट कोटा में जश्न शुरू हो गया। बिरला के चाहने वाले और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी की।