नवरात्रि में हम आपको राजस्थान के सिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों में से किसी एक मंदिर में अर्जी लगाने से आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
राजस्थान में देवियों के ये 9 मंदिर चमत्कारी हैं। यहां आनेवाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। ये मंदिर इतने सिद्ध है कि यहां सालभर ही श्रद्धालुओं की आवाजाही लगी रहती है।
बात करें यदि करणी माता मंदिर की। तो यह चूहे वाली माता के नाम से प्रसिद्ध है। जो बीकानेर के देशनोक में है। यहां आपको जमीन पर चूहे ही चूहे घूमते नजर आएंगे।
जोधपुर का चामुंडा माता मंदिर और शीतला माता मंदिर ज्यादातर शहरवासियों की कुलदेवी है। नवरात्रि के समय यहां लाखों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।
जालौर में स्थित सुंधा माता का मंदिर आपको आकर्षित जरूर करेगा। क्योंकि यह पहाड़ों के बीच सफेद पत्थर से बना हुआ है।
बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर ऐसा मंदिर है जहां सावन के समय हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां की हरियाली किसी का भी मन मोह लेती है।
इसी तरह सीकर जिले में स्थित जीणमाता मंदिर भी अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। जहां वर्तमान में मेला चल रहा है।
जैसलमेर में स्थित तनोट माता का मंदिर फौजियों की माता का मंदिर भी कहलाता है। जैसलमेर इलाके में पोस्टेड सैनिक यहां दर्शन करने के लिए जरूर आते हैं।
इतना ही नहीं इस मंदिर में पूजा पाठ से लेकर ज्यादातर काम भी सैनिकों द्वारा ही किया जाता है। यह बॉर्डर इलाके के पास ही स्थित है।
बताया जाता है इन मंदिरों में आकर प्रार्थना करने वाले श्रद्धालुओं की माता मनोकामना पूरी करती है। यही कारण है कि यहां नवरात्रि ही नहीं बल्कि सालभर ही भक्तों की लाइन लगी रहती है।
इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए आपको कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ये सभी मंदिर सुप्रसिद्ध हैं। इसलिए आप इंटरनेट पर इन मंदिर तक पहुंचने का रास्ता सर्च कर आ सकते हैं।