रावण दहन के 5 अनोखे तरीके, एक परंपरा इतनी खतरनाक कि कोर्ट ने किया बैन
Rajasthan Oct 12 2024
Author: Surya Prakash Tripathi Image Credits:Our own
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राजस्थान में है रावण दहन की अलग और अनोखी परंपराएं
राजस्थान में रावण दहन की परंपराएं देश में सबसे अलग हैं। कुछ जगहों पर रावण का सिर तोड़ा जाता है तो कहीं महिषासुर का पुतला जलाया जाता है। जानें ऐसे 5 अनोखे तरीके।
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यहां सीमेंटेड रावण के पुतले का तोड़ा जाता है सिर
भीलवाड़ा जिले के पारोली कस्बे में 10 फीट के सीमेंट के रावण का सिर तोड़कर उसका वध किया जाता है।
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यहां रावण दहन से पहले होता है दशहरा
जयपुर के रेनवाल कस्बे में अष्टमी पर ही रावण का दहन कर दिया जाता है, दुनिया में यह इकलौता कस्बा है जहां दशहरे से पहले रावण दहन होता है।
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यहां रावण के बजाय इस राक्षस का जलाया जाता है पुतला
राजस्थान के ब्यावर शहर के विजय नगर कस्बे में लंकापति रावण के बजाय महिषासुर का पुतला जलाया जाता है। यहां प्राचीन परंपरा है।
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यहां 400 साल से रावण पर होती है फायरिंग
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी कस्बे में रावण और उसकी सेना पर बंदूके चलाई जाती है। यह 400 साल पुरानी परंपरा है। इस साल कोर्ट ने इस परंपरा को बैन कर दिया है।
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यहां के लोग रावण को मानते हैं अमर
सबसे अनोखी परंपरा जोधपुर के मंडोर कस्बे की है, जहां रावण को अमर माना जाता है। यहां रावण और उसकी पत्नी मंदोदरी ने विवाह के फेरे लिए थे, इसलिए रावण को यहां का जमाई माना जाता है।
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होती है रावण के मंदिर में पूजा
यहां रावण की पूजा की जाती है। मंडोर में रावण का मंदिर है और वह अमर है, इसलिए यहां उसका दहन नहीं, बल्कि उसकी पूजा की जाती है।