प्रयागराज में महाकुंभ के लिए आईं इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें अब शहर की सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी, बल्कि लखनऊ भेज दी गई हैं।
शासन ने फैसला लिया है कि प्रयागराज को मिली डबल डेकर बसें अब लखनऊ में चलेंगी, जिससे शहर के लोगों में नाराजगी है।
लोगों का कहना है कि प्रयागराज को बस नाम की बसें मिली थीं, असल में तो चलाने से पहले ही उन्हें लखनऊ भेज दिया गया।
प्रयागराज के नैनी में खड़ी डबल डेकर बसें बिना एक भी यात्री को लिए लखनऊ रवाना कर दी गईं, हरी झंडी मिलने से पहले ही।
बसों की ऊंचाई बन गई सबसे बड़ी बाधा। शहर में ऐसा कोई रास्ता नहीं मिला जहाँ ये बिना किसी रुकावट के चल सकें।
शहर की सड़कों पर बिजली के तार, पेड़ों की टहनियाँ और पुलों की सीमित ऊँचाई बन गए बस संचालन में सबसे बड़ी रुकावट।
बसों को एयरपोर्ट रोड और फाफामऊ रूट पर चलाने की योजना थी, लेकिन ऊंचाई की दिक्कतों ने प्रशासन की योजना को फेल कर दिया।
सिर्फ फाफामऊ से सिविल लाइंस तक का रूट बिना बाधा का मिला, लेकिन दूरी कम और पहले से बसें चलने के कारण वह भी खारिज हुआ।
कई सर्वे और बड़े वादों के बावजूद प्रयागराज में कोई ऐसा रूट नहीं मिला जहाँ डबल डेकर बसें बिना बाधा दौड़ सकें।