आपने कभी सुना है कि कबाड़ से एक अद्भुत तीर्थ स्थल तैयार किया जा सकता है? UP के संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ नगर क्षेत्र में शिवालय पार्क इसका जीता जागता प्रमाण बन गया है।
प्रयागराज में बना यह पार्क 400 टन कबाड़ से तैयार किया गया है, जिसमें जंग खाए बिजली के खंभे, पुराने ट्रक, कार, पाइप, रिक्शे, और रेल की टूटी पटरियों का उपयोग किया गया है।
आज ये पार्क बनकर तैयार हो गया है। जहां घूमने वाले लोगों का मजमा लगता है। इस पार्क में घूमने के लिए बाकायदा शुल्क निर्धारित है। 30 रुपए से लेकर 100 रुपए की फीस देनी पड़ती है।
भारत के नक़्शे के आकार में बनाए गए शिवालय पार्क में देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रतिरूप उनके वास्तविक स्थानों के अनुसार हैं। इसका उद्देश्य एक जगह तीर्थ यात्रा का अनुभव मिल सके।
इन मंदिरों में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ भारत और नेपाल के अन्य प्रमुख शिवालय भी शामिल हैं । पार्क में प्रतिदिन एक साथ 50 हजार विज़िटर्स आ सकते हैं ।
पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है । बच्चों के लिए अलग जोन है । इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी है । वेस्ट एंड वंडर थीम पर पार्क को तैयार किया है।
इस पार्क की अपनी अलग खासियते हैं। 14 करोड़ रुपये की लागत से 11 एकड़ में फैले इस पार्क को बनाने में 22 कलाकार और 500 श्रमिकों ने तीन महीने का समय लिया।
पार्क का निर्माण वेस्ट एंड वंडर थीम पर किया गया है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है, बल्कि कला के माध्यम से कबाड़ का पुन: उपयोग भी करता है।
पार्क में प्रतिदिन 50,000 से अधिक पर्यटक आ सकते हैं। बच्चों के लिए अलग जोन, फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट, 600 मीटर लंबा जलाशय, और 700 वर्ग मीटर लंबी पार्किंग की सुविधाएं दी गई हैं।