रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही नेताओं, मेहमानों और कार्यकर्ताओं के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद व्यस्त रहने वाला है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, रामलला की मूर्ति को कल होने वाले अभिषेक से पहले आज नए मंदिर में लाया जाएगा।
नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, जल्द इसका फैसला होगा कि जो मूर्ति अस्थायी मंदिर में है उसे नए मंदिर में ले जाया जाए। अब रामलला की खड़ी मूर्ति होगी। इसके अलावा 1947 की मूर्ति भी लगेगी।
नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, परिक्रमा या मंदिर के चारों ओर का पथ 795 मीटर लंबा है और इसमें 6 मंदिर बने हैं। 795 मीटर लंबा परकोटा बनाने में मंदिर से ज्यादा खर्च आया है।
परिक्रमा पथ से 32 सीढ़ियां चढ़ने के बाद भक्त राम मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही लोगों का 500 साल का इंतजार खत्म होगा। भक्त अपने भगवान प्रभु श्रीराम के दर्शन करेंगे।
नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, मंदिर निर्माण के लिए 2000 करोड़ रुपये के बजट का अनुमान था। लेकिन इससे कहीं ज्यादा 3500 करोड़ रुपये का दान मिला। इसमें सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा है।
नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर के ठीक नीचे रामलला की मूर्ति है। रामनवमी के दिन रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी।