22 जनवरी को वो अद्भुत क्षण होगा, जिसका सभी को 500 साल से इंतजार था। PM मोदी के स्वागत को लेकर उप्र संस्कृति विभाग ने सारी तैयारी कर ली है।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन देशभर के कोने-कोने से आए 2500 लोक कलाकार 100 मंचों पर कलियुग में त्रेतायुग-सा दीदार कराएंगे
ये सभी लोक कलाकार सांस्कृतिक शोभायात्रा के सारथी बनेंगे और नृत्य-गायन-वादन की कई विधाओं के जरिए लोक-लुभावन प्रस्तुति देंगे।
21 जनवरी को सभी लोक कलाकारों ने इसकी रिहर्सल की है। 22 जनवरी को अयोध्या के 100 अलग-अलग स्थानों पर ये कलाकार भारतीय संस्कृति की खुशबू बिखरेंगे।
अयोध्या में ये कार्यक्रम एयरपोर्ट के गेट नंबर-3 के सामने, गुरुदेव पैलेस के सामने, दिशा कोचिंग के सामने, जीवन साथी मैरिज लॉन, साकेत पुरी मोड़, और महोबरा ब्रिज के पास होगा।
महेश योगी रामायण के सामने, सूर्या पैलेस होटल, मल्टीलेवल पार्किंग जानकी रसोई, साकेत पेट्रोल पंप, धर्मपथ से लता चौक की तरफ, लता चौक से श्रीराम पथ तक रंगारंग प्रस्तुति होगी।
रामजन्मभूमि गेट नंबर-1, अरुंधति कॉम्पलेक्स से LED वॉल के बगल में टेढ़ी बाजार चौराहे तक, साकेत डिग्री कॉलेज के गेट नंबर-1 के सामने, सर्किट हाउस गेट के बगल में भी प्रस्तुति देंगे।
रामनगरी में सिर्फ अवध ही नहीं, पूरा उत्तर प्रदेश नजर आएगा। वाराणसी के मोहित चौरसिया, राजेश उपाध्याय, दीपक शर्मा डमरू वादन से काशी की महिमा के जरिए अपने सांसद का स्वागत करेंगे।
अयोध्या के राजीव लोचन शंख वादन से अतिथि देवो भवः की परंपरा का साक्षात्कार कराएंगे। गाजीपुर के सल्टूराम, संजय कुमार, आजमगढ़ के सुनील, मुन्नालाल मंचों पर धोबिया नृत्य दिखाएंगे।
इसी तरह, गोरखपुर के छेदी यादव, रामज्ञान, विंध्याचल आजाद फरुआही नृत्य से माटी की खुशबू बिखरेंगे। गोरखपुर के सुगम शेखावत व राकेश कुमार टीम के साथ वनटांगिया जनजातीय लोकनृत्य दिखाएंगे।
जूही अवधी, मानसी विष्ट उत्तरांचल के नृत्य से स्वागत करेंगी। मथुरा के खजान सिंह व महिपाल बम रसिया, राजेश शर्मा-मणिका, माधव, गीतकृष्ण मयूर लोकनृत्य से ब्रज की खुशबू बिखेरेंगे।
झांसी के प्रदीप सिंह भदौरिया की टीम राई लोकनृत्य प्रस्तुत करेगी। सोनभद्र के कतवारू मादल वादन तो महेंद्र कर्मा आदिवासी नृत्य पेश करेंगे।