सबसे ज़्यादा मेट्रो नेटवर्क – लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर तक मेट्रो का सपना हुआ साकार।
2017 में शुरू हुई, दो कॉरिडोर – रेड लाइन (मुंशीपुलिया–अमौसी) और ब्लू लाइन (चारबाग–वसंत कुंज), 10 से 60 रुपये तक किराया।
2021 से सेवा में, दक्षिण कानपुर को जोड़ती हैं लाइनें, सफर हुआ आसान और तेज़।
29.65 किमी लंबा कॉरिडोर, 29 स्टेशन, स्पीड 90 किमी/घंटा, ब्लू लाइन प्रस्तावित – 15.4 किमी।
135 किमी/घंटा टॉप स्पीड, 13 स्टेशन, जून 2025 तक चालू होने की उम्मीद, आधुनिक स्टील ट्रेनों से लैस।
22 किमी लाइट मेट्रो कॉरिडोर, दो प्रस्तावित रूट, रोजाना 19,000 यात्री प्रति घंटा यात्रा कर सकेंगे।
2025 में ट्रैक निर्माण शुरू होगा, यह लाइट मेट्रो भविष्य में लाखों लोगों को जोड़ने का माध्यम बनेगी।
लाइट रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, दो एलिवेटेड लाइनें – श्यामनगर से सूबा चौराहा और गुलरिहा से कचहरी चौराहा।
आज जहां दिल्ली जैसी जगहों पर मेट्रो थी, वहीं यूपी के छोटे शहर भी अब रफ्तार से दौड़ रहे हैं – यह है नया उत्तर प्रदेश।
अब 3 घंटे नहीं, सिर्फ 40 मिनट में पहुंचिए लखनऊ से कानपुर!
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