माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात 8.25 बजे मौत हो गई। वह उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में कैद था। पूर्वांचल में उसका दबदबा चलता था, तूती बोलती थी।
अंसारी परिवार पूर्वांचल की राजनीति में हमेशा ही ताकतवर रहा। मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, बलिया और बनारस तक अलग ही रुतबा था। मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे।
मुख्तार अंसारी मऊ सीट से लगातार 5 बार विधायक रहा। उसके पिता सुभानउल्ला अंसारी राजनीतिज्ञ थे, वहीं रिश्ते में चाचा लगने वाले हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति रह चुके हैं।
मुख्तार अंसारी पर 61 केस दर्ज थे। इनमें हत्या के 8 केस जेल में रहते हुए दर्ज किए गए थे। वह भले ही जेल में रहता लेकिन उसका रूतबा बना रहता था। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी ये मानते हैं।
मुख्तार अंसारी जेल से अपना गैंग चलाता था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में एक शूटर की जमानत पर सुनवाई के दौरान मुख्तार गैंग देश का सबसे खतरनाक गिरोह कहा था।
2005 में मऊ में हिंसा भड़कने के बाद सरेंडर के बाद मुख्तार अंसारी को गाजीपुर जेल में रखा गया था। तब वह विधायक था। उसका रौब ऐसा था कि ताजी मछलियां खाने जेल में ही तालाब खुदवा दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा सांसद और पूर्व डीजीपी बृजलाल ने भी माना था कि गाजीपुर जेल में रहते हुए मुख्तार जेल में ही डीएम और कई बड़े अधिकारियों के साथ बैडमिंटन खेलता था।