चित्रकूट के गुप्त गोदावरी में पहले से दो गुफाएं सामने आई थीं, अब पिछले दिनों एक नई यानी तीसरी गुफा का पता चला है। इसके अंदर क्या है, फिलहाल तो ये रहस्य बना हुआ है
इस गुफा में पानी का कोई सोर्स नहीं फूटा है, कहा जा रहा है कि ये गुफा गुप्त गोदावरी से जुड़ी है, अफवाहें हैं कि गुफा के अंदर शिवलिंग और गणेशजी की मूर्ति है
गुफा का मुंह बेहद संकरा होने से लोगों का अंदर तक पहुंच पाना संभव नहीं हो पाया है, गुफा में सांप और अन्य तरह के जहरीले कीड़े-मकोड़ों का वास होने की भी चर्चा है
कहते हैं कि जब राम और सीता वनवास पर निकले थे, तब गुप्त गोदावरी की पहली गुफा में रहे थे, इस गुफा का रास्ता बहुत संकरा है
चित्रकूट शहर से करीब 25 किमी की दूरी पर विंध्य पर्वतमाला में दो गुफाओं से दो जल धाराएं फूटती हैं, सबसे ऊपर की गुफा से निकली जल धारा एक कुंड में गिरती है, इसे सीता कुंड कहते हैं
दूसरी गुफा पहली थोड़ी नीचे है, इसमें भी एक जल धारा है, जो आगे जाकर एक पीपल के पेड़ के पास जाकर गुप्त यानी गायब हो जाती है, इसी वजह से इसे गुप्त गोदावरी कहते हैं