कोलकाता में जूनियर डॉक्टर का रेप-मर्डर करने वाले आरोपी संजय रॉय (Sanjay Roy) समेत 6 आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट होगा। यह झूठ पकड़ने वाली मशीन होती है।
किसी आरोपी के सच-झूठ का पता लगाने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट या लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता है। इसमें शरीर से मशीन को अटैक कर सेंसर से आ रहे सिग्नल को मूवमेंट रिकॉर्ड किए जाते हैं।
प्रेस्टो इंफोसॉल्यूशंस, मेडिकैम रिलायबल टेस्टिंग सॉल्युशंस कंपनियां भारत में पॉलीग्राफ मशीनें बनाती हैं। ये खासकर सरकारी एजेंसियों के लिए बनाई जाती हैं।
अमेरिका की Lafayette Instrument कंपनी दुनिया की टॉप पॉलीग्राफ मशीन सप्लायर है। यूएसए की Stoelting Co. और Keeler Polygraph भी ये मशीन बनाती हैं।
पॉलीग्राफ मशीनें सरकारी जांच एजेंसियां खरीदती हैं। प्राइवेट संस्था या व्यक्ति भी इस मशीन को खरीद सकता है लेकिन इसके लिए वैलिड कारण बताना पड़ता है।
कुछ देशों में कानूनी नियमों के अनुसार ही पॉलीग्राफ मशीन खरीदने की अनुमति होती है। वहीं कुछ देशों में आम आदमी के पॉलीग्राफ मशीन खरीदने पर लाइसेंस या सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है।
पॉलीग्राफ मशीन की कीमत उसके ब्रांड, साइज और मॉडल के हिसाब से होती है। इसका बेसिक मॉडल 2.5 लाख से 4 लाख तक होती है। एडवांस डिजिटल पॉलीग्राफ मशीन 8-12 लाख में आती है।