ईरान में हमास प्रमुख इस्माल हानिया की सुनियोजित हत्या ने मोसाद को एक बार सुर्खियों में ला दिया है। ये एजेंसी अपने दुश्मनों को चुन-चुनकर मारती है।
इजरायली इंटेलीजेंस एजेंसी मोसाद एक ही रिलीजन पर भरोसा करती है, वो है अपने देश के नगारिकों की सेफ्टी। इसके लिए वे कुछ भी कर गुजरते हैं।
Israel Defense Forces ( IDF) को सपोर्ट करने वाली मोसाद सबसे सटीक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए जानी जाती है। दुनिया ने मोसाद से इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देना सीखा है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस और टेक्नीक का इस्तेमाल कैसे किया जाता है, ये मोसाद से बेहतर शायद ही कोई जानता हो। ये एजेंसी कई बड़े देशों ऑफीसर्स को भी ट्रेनिंग देते हैं।
मोसाद बायोलॉजिकल और केमिकल टाइप के पायजन का भी इस्तेमाल करता है। कथित तौर पर फलीस्तीन लीडर यासर अराफात को भी ऐसा ही जहर देकर मारा गया था।
मोसाद के पास के पास दुनिया के हर टॉप लीडर, आतंकी, इंटेलीजेंस एजेंसी की प्रमुख के सीक्रेट्स होते हैं।
मोसाद के एजेंट्स अरब ही नहीं दुनिया के कई देशों में अपना ठिकाने बनाए हुए हैं। ये अपनी स्ट्रेटजी से पूरे देश के हालात बदल सकते हैं।
मोसाद साइकोलॉजिकल वार करने में भी माहिर है। ये किसी देश के लोगों में खौफ, कनफ्यूजन, बदहवासी क्रिएट करने में माहिर है।
मोसाद को सटीक False Flag Operation के लिए जाना जाता है। इसके लिए आर्मी को टफ ट्रेनिंग दी जाती है। जब तक हर फील्ड में ये मास्टर नहीं बन जाते, इन्हें वार फील्ड में नहीं भेजा जाता।
बिल क्लिंटन और मोनिका लेविंस्की का रिलेशन जगजाहिर नहीं करने के लिए मोसाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति को ब्लैकमैल कर कई इंफॉमेशन जुटाई थीं।